करोड़ों पूजा, जप, स्तुतियों से महान् है क्षमा
जैन परम्परा में दशलाक्षणिक धर्म पर्यूषण पर्व सबसे महत्वपूर्ण है। इन दिनों में समाज के आबालवृद्ध स्वशक्ति अनुसार धर्माराधना, व्रत, उपवासादि करते हैं। त्योहार थोड़े मौज-मस्ती के होते हैं, पर्व गन्ने की पोर-गांठ के समान नीरस होते हैं, उस गांठ…
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