वेद प्रताप वैदिक जी का जाना पत्रकारिता जगत की अपूर्णीय क्षति

वेद प्रताप वैदिक जी का अचानक हमलोगों के बीच से जाना पूरे पत्रकारिता जगत के लिए बहुत ही बड़ा नुकसान है। वेद प्रताप वैदिक जी इस आयु में भी लगभग प्रतिदिन लिखते थे और देश-विदेश के सैकड़ों समाचार पत्रों में उनके लेख प्रतिदिन छपते भी रहते थे।…
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 प्रकृति से रुबरु होंगे तो बढ़ेगी इम्यूनिटी

यदि चिकित्सकों की माने तो देश में अधिकांष लोगों में विटामिन डी की डेफिसिएंसी है। हो सकता है यह आंकड़ा अतिशयोक्तिपूर्ण होने के साथ ही अधिक अपर साइड में हो पर इतना तो साफ है कि देश दुनिया में विटामिन डी की कमी के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते ही…
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समय से पहले कुछ नहीं मगर चलिए समय की रेत पर….

(हम समय से मुंह नहीं मोड़ सकते कि समय हमारा मित्र नहीं है। समय को मित्र बनाना पड़ता है, समय कभी हमारी प्रतीक्षा में पलक पांवड़े बिछाकर नहीं बैठता। हमें ही उसके साथ कदम मिलाकर चलना होता है। समय अपनी गति से दिन-रात बिना विश्राम के चलता है।…
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भारत की प्रतिष्ठा धूमिल करने के राहुली प्रयास

देश पर सर्वाधिक समय शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेशी की धरती पर होहल्ला मचाते हुए भारत की छवि को धूमिल करने का घृणित एवं गैरजिम्मेदाराना काम किया है। गांधी ने लंदन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में…
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कैसे मिली होली को अखिल भारतीय पहचान

कोरोना के कारण दो-तीन सालों तक जनधड़कन के पर्व होली का रंग फीका सा पड़ने लगा था। होली मिलन समारोहों पर भी विराम सा लग गया था। पर इस बार लगता है कि देश रंगोंत्सव को पुराने अंदाज में मनाने जा रहा है। होली के रंग फिजाओं में बिखरे हैं। कहीं…
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समान शिक्षा बिना समता-समरसता मूलक समाज की कल्पना नामुमकिन

# आरक्षण से 75 साल में नहीं बल्कि 7500 साल में भी सबको समान अवसर नहीं मिलेगा # सबको समान अवसर उपलब्ध कराना है तो 12वीं तक समान शिक्षा (एक देश एक शिक्षा बोर्ड और एक देश एक पाठ्यक्रम) लागू करिए # बंगाल का युवा बंगाली में पढ़े और…
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नडेला से अजय बांगा तक – क्यों सफल होते भारतवंशी

 भारत के सात समंदर पार से भारतवंशियों के सफलता की खबरें-कहानियां लगातार भारतीय मीडिया की सुर्खियां बनने लगी हैं। आप गौर करें कि भारतवंशी सिर्फ सियासत में ही झंडे नहीं गाड़ रहे हैं। ये तो हम 1960 के दशक से सुन रहे हैं। तब पहली बार कैरिबियाई…
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फीके पड़ते होली के रंग

(पहले की होली और आज की होली में अंतर आ गया है, कुछ साल पहले होली के पर्व को लेकर लोगों को उमंग रहता था, आपस में प्रेम था। किसी के भी प्रति द्वेष भाव नहीं था। आपस में मिल कर लोग प्रेम से होली खेलते थे।  मनोरंजन के अन्य साधनों के चलते लोगों…
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चिंतन मंथन का दिन है गणतंत्र दिवस

देश आज 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। देश ने 26 जनवरी 1950 को एक संविधान को अपनाया, जिसके तहत भारत को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया। 26 जनवरी…
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जीत का जज्बा न होना ले डूबा भारतीय हॉकी को

 पिछले रविवार को देश के करोड़ों हॉकी चाहने वालों का सपना तार-तार हो गया। सबको उम्मीद थी कि 1975 के बाद भारत फिर से हॉकी वर्ल्ड कप को जीतने में कामयाब हो जाएगा। पर यह हो न सका।ओडिशा में खेले जा रहे हॉकी वर्ल्ड कप में…
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