टीएमयू में इंटरनेट ऑफ थिंग्स और क्लाउड कंप्यूटिंग पर वेबिनार
क्लाउड कंप्यूटिंग में नहीं होती ऑफिस या सिस्टम की दरकार
श्याम सुंदर भाटिया
मुरादाबाद। एएएमसी इंडिया, नोएडा के इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर मंजीत रावत ने बतौर मुख्य वक्ता क्लाउड कंप्यूटिंग से जुड़े हुए विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, क्लाउड कंप्यूटिंग के आने के बाद से हमें भौतिक रूप से कंप्यूटर या संगणक की जरूरत नहीं रह गई है। क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें दुनिया में कहीं भी बैठकर एक पूरी की पूरी टीम अपने कार्य को अंजाम दे सकती है। इसके लिए उसे किसी भी तरीके के फिजिकल ऑफिस या सिस्टम की जरूरत नहीं होती है। वह तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग साइंस.एफओईसीएस के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के संयुक्त रूप से एंटरप्रिंयूरिअल डवलपमेंट इन टू फील्ड ऑफ आईओटी एंड क्लाउड कंप्यूटिंग पर आयोजित वेबिनार में बोल रहे थे। इससे पूर्व एफओईसीएस के निदेशक प्रोण् राकेश कुमार द्विवेदी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए आईटोटी और क्लाउड कंप्यूटिंग से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इनफॉरमेशन थ्योरी प्लस इंटरनेट और इंटरनेट ऑफ थिंग्स इक्वल्स टू इंडिया टुडे विजन पर भी प्रकाश डाला।
आईटोटी ट्रेनर दिलीप तिवारी ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स और उसके विभिन्न पहलुओं के पर प्रकाश डालते हुए बतायाए किस तरीके से इंटरनेट ऑफ थिंग्स इंडस्ट्री 4.0 की क्रांति के रूप में उभरा है। उन्होंने होम ऑटोमेशन के प्रोजेक्ट को लेकर श्रोताओं को इंटरनेट ऑफ थिंग्स के विभिन्न पहलुओं के साथ रुबरु कराया। श्री तिवारी ने बतायाए इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मदद से किस तरीके से हम अपने विभिन्न उपकरणों को एक दूसरे के साथ जोड़ सकते हैं। उन्हें कंट्रोल कर सकते हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स आज के समय में मनुष्य का सबसे बड़ा साथी है।
ग्रफो थ्योरी के विशेषज्ञ नवीन तोषनीवाल एवं उद्यमी है। उल्लेखनीय है, ग्रफो थ्योरी मनुष्य की लेखनी को पहचान कर उसके व्यक्तित्व की जानकारी के संग.संग उसकी मन स्थिति के बारे में एनालिसिस करने में सक्षम हैं। श्री तोषनीवाल ने बतायाए किस तरीके से एक व्यक्ति विशेष की लेखनी के विभिन्न पहलुओं को विचार करते हुए उनके व्यक्तित्व के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती हैए इसका उन्होंने उदाहरण भी दिया। एक छात्र अक्षत जैन ने उन्हें अपनी लेखनी का सैंपल भेजा जिसे उन्होंने बिना उस छात्र के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी के छात्र के व्यक्तित्व का वर्णन किया और साथ ही विभिन्न तकनीकी पहलुओं को छात्र की लेखनी के माध्यम से वर्णित ही किया। वेबिनार में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की एचओडी डॉ गरिमा गोस्वामी, उमेश कुमार सिंह, प्रदीप वर्मा, राघवेन्द्र कुमार सिंह जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग की ओर से साक्षी सिंह, नीरज कौशिक, विनीत जयसवाल, राहुल विश्नोई, प्रशांत कुमार ने वेबिनार में हिस्सा लिया। अंत में इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पंकज गोस्वामी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
