उत्तर प्रदेश की भांति पूरे देश में गोहत्या पर कानून बने

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वर्ष 1947 में 90 करोड देशी गोधन था, जो अब घटकर 2-3 करोड रह गया है । आज देश के 29 राज्यों में केवल 20 में गोहत्या के विरुद्ध नियम बने हैं; परंतु इन कानूनों में दंडव्यवस्था कठोर न होने के कारण गोहत्यारों को भय नहीं लगता।अधिकतर प्रकरणों में अभियुक्त जमानत पर तुरंत छूट जाते हैं और पुनः वही कानून विरोधी कृत्य करने लगते हैं । अनेक स्थानों पर पशुवधगृहों और वाहनों पर पुलिस और गोरक्षकों ने मिलकर छापे मारे । तब, बडी मात्रा में गोमांस जप्त हुआ । परंतु, इसके आगे कोई कार्यवाही नहीं होती । यदि यह रोकना है, तो राष्ट्रीय स्तर पर सभी राज्यों के लिए एक कठोर कानून बनाना आवश्यक है।उसी के साथ गोपालन के लिए गोमूत्र, गोबर, पंचगव्य आदि से बननेवाले उत्पादों को तथा गो–चिकित्सा को बढावा देना चाहिए ।इस विषय में बडी मात्रा में शोध की और अन्य विशेष योजनाएं चलाने की आवश्यकता है । इसके लिए स्वतंत्र ‘गो–मंत्रालय’ स्थापित हो, यह मांग समिति ने की है ।