टिकटॉक के सहारे जीवनसाथी बने
पटना। नालन्दा जिला के सलेमपुर इलाके के गोलू कुमार औऱ झारखंड के कतरास गढ़ की रहने वाली सुमा कुमारी की जान पहचान सोशल मीडिया के जरिए हुआ। दोनों टिकटॉक के सहारे से एक दूसरे से जुड़े। उसी टिकटॉक के जरिए जिसपर सरकार ने कुछ दिन पहले बैन लगाया दिया था। टिकटॉक वीडियो से एक दूसरे को रिझाया, फिर बात आगे बढ़ी। धीरे-धीरे गोलू और सुमा के बीच फोन नंबर का आदान प्रदान हुआ, फिर एक दूसरे से बातचीत औऱ चैटिंग शुरू हो गई। दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और बात शादी तक आ पहुंची,लेकिन इस बात की भनक परिजनों को लगा तो वे विरोध करने लगे।जब प्रेमी जोड़े को लगा कि घरवाले दोनों को एक दूजे के लिए नहीं होने देंगे, तो फिर क्या था, दोनों ने मिलकर साथ मरने की कसमें खा ली। दोनों खुदकुशी करने वाले थे। जिसके बाद प्रेमी जोड़े अपने घर से भागकर धनबाद चले गए और धनबाद रेलवे स्टेशन पर आत्महत्या करने का प्रयास कर रहे थे।प्यार में असफल प्रेमी जोड़े खुदकुशी करने की जैसे ही कोशिश की रेल यात्रियों ने दोनों को बचा लिया। फिर लोगों ने दोनों से पूछताछ की। जिसके बाद परिजनों को इस बात की खबर दी गई। जिसके बाद परिजन दोनों की शादी के लिए रजामंदी दे दी।
फिर क्या था प्रेमी जोड़ा वापस बिहारशरीफ के सोहसराय पहुंचा। राजी खुशी सोहसराय के सूर्य मंदिर में शादी रचा ली,फिर हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से मंदिर में शादी रचा कर परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने कहा कि हम लोगों ने इस शादी के माध्यम से लोगों को दहेज मुक्त विवाह करने का संदेश दिया है।
