माझी में आसान नहीं होगा भाजपा के प्रबल दावेदार राणा प्रताप सिंह को दरकिनार करना
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छपरा।महाराजगंज लोकसभा अंतर्गत आने वाले माझी विधानसभा में वैसे तो एनडीए के दर्जन भर दावेदार हैं पर पिछले विधानसभा चुनाव में बतौर बागी उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोट लाने वाले भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार राणा प्रताप सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह की दावेदारी सब पर भारी है। पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू राजद के साथ था और भाजपा लोजपा के साथ।यह सीट लोजपा के खाते में गई थी तथा लोजपा से केशव सिंह यहां से उम्मीदवार बने थे ।आनन-फानन में पार्टी ने केशव सिंह को टिकट तो दे दिया था पर भाजपा के कार्यकर्ता खुद को उनसे कनेक्ट नहीं कर पाए और केशव सिंह कांग्रेस राजद जदयू के संयुक्त उम्मीदवार विजय शंकर दुबे से मात खा गए ।बतौर निर्दलीय उम्मीदवार राणा प्रताप सिंह उर्फ़ डब्ल्यू सिंह को मिले मतों ने सबको चौकाया।राणा प्रताप सिंह को स्थानीय सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल का बरदहस्त प्राप्त है। वे भाजपा के पंचायती राज प्रकोष्ठ के वरीय पदाधिकारी हैं ।पार्टी की गतिविधियों में पूरी तरह से सक्रिय रहते हैं। विधानसभा चुनाव के बाद इनकी भाजपा में पुनः वापसी हुई।पिछले लोकसभा चुनाव में मांझी विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी थे जहां भाजपा को रिकॉर्ड मत मिले। लोजपा जदयू के बीच रहे चल रहे तनातनी के बीच भाजपा ने इस सीट के लिए अपनी दावेदारी राणा सिंह के रूप में प्रस्तुत कर दी है ।वैसे जदयू से भी एक महिला उम्मीदवार यहां से टिकट चाहती हैं।राणा प्रताप सिंह कहते हैं कि वह भाजपा के कट्टर समर्थक हैं और पार्टी के कैडर हैं ।उन्होंने अपनी बातें पार्टी हाईकमान पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं तक पहुंचा दी है । क्षेत्र में चुनाव हारने के बाद भी पूरी ईमानदारी से सक्रिय रहे हैं। उन्हें क्षेत्र के इतिहास, भूगोल और समस्याओं की जानकारी है ।वह एक आम कार्यकर्ता की तरह पार्टी की सेवा में लगे हुए हैं और उन्हें विश्वास है कि उनकी कर्मठता और पिछली बार के वोटों को देखते हुए पार्टी उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी ।इसी विश्वास के आधार पर उन्होंने अपनी चुनावी तैयारी भी शुरू कर दी है। 2015 के विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए राणा प्रताप सिंह ने कहा कि चुनाव के मतगणना में 12 राउंड तक उन्होंने बढ़त बनाए रखी थी,अंतिम के छह राउंड में वह पिछड़े। तीन पूर्व विधायक से दुगुना वोट उनको आया था।