तो बिहार में लग जाए राष्ट्रपति शासन !

सिर्फ और सिर्फ जनता की बात होनी चाहिए -नरेंद्र सिंह

ब्यूरो चीफ ,बिहार
पटना। बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने बिहार में कोरोना और बाढ़ के हालात को देखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।उन्होंने  अपने फेसबुक पेज पर इस बाबत एक लंबा लेख भी लिखा है, जिसमें बिहार कि दरुण दशा की चर्चा की है। बिहार में अगले कुछ महीने में विधानसभा का चुनाव होने वाला है।

उन्होंने लिखा है कि राज्य की मेहनतकश जनता का रोजी रोजगार कोरोना महामारी के कारण समाप्त हो गया है ।80 फ़ीसदी लोग बेरोजगार हैं, कृषि कार्य बंद है, बिहार के 18 जिले बाढ़ में डूबे हुए हैं, सरकारी व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। लोग त्राहिमाम हैं। लाखों लोगों को दो समय का भोजन भी नहीं मिल पा रहा है। राज्य व केंद्र सरकार झूठी दलीलों के बल पर लोगों के भावनाओं के साथ खेल रही है। स्थिति काफी भयावह है, ऐसे हालात को देखते हुए बिहार में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए। नरेंद्र सिंह ने बातचीत के क्रम में कहा कि बिहार में जमीनी हकीकतकी भयावहता को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता । जितने लोग कोरोना से नहीं मर रहे हैं उससे कहीं ज्यादा लोग भूख और डर से मर रहे हैं।आने वाले समय में उनका क्या होगा ।खेत बार में डूबा हुआ है, रोजी रोजगार बंद है, घर में खाने को अनाज नहीं है और सरकारी योजनाएं फाइलों में कैद है ।सरकार और विपक्ष चुनाव चुनाव खेलने में मगन है । ऐसे में बिहार की जनता का भगवान ही मालिक है। उन्होंने कहा कि जनता ने जिस विश्वास के साथ जनप्रिय सरकार को समर्थन दिया था, वह सरकार सभी मोर्चे पर विफल रही ।कुर्सी मोह में लोग जनता से किए वादे भूल गए। उन्होंने कहा कि जो स्थितियां हैं ऐसे में चुनाव बिहार की जनता के जख्मों पर नमक रगड़ने के बराबर होगा। बिहार के लाखों लोग जो पैदल दूसरे प्रदेशों से बिहार वापस लौटे हैं, उनका दर्द दो – चार वर्षो में भी खत्म होने वाला नहीं ।जिनके घरों में चूल्हे नहीं जल रहे हैं वे अपने भूख तो नहीं भूलने वाले । वादों से पेट नहीं भरता है, ऐसे में जनता का जन आक्रोश कब विस्फोटक हो जाए कहा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि राजनीति अपने जगह पर है पर जनता सर्वोपरि है । जनतंत्र में जनता ही मालिक है और जब जनता ही रो रही है, कराह रही है तो ऐसी विपरित परिस्थिति में सिर्फ और सिर्फ जनता की बात होनी चाहिए ।