यूपी के साथ एमपी की भी राज्यपाल बनीं आनंदी बेन
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राकेश रमण
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का बीते मंगलवार को निधन होने के बाद खाली पड़े सूबे के राजभवन के कामकाज का कार्यभार संभालने की जिम्मेवारी औपचारिक तौर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल को सौंप दी गई है। राष्ट्रपति भवन के सचिवालय की ओर से जारी की गई इस आशय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि- ‘‘मध्य प्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन के निधन के बाद, राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को, अपने स्वयं के कर्तव्यों के अलावा मध्य प्रदेश के राज्यपाल के कार्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया है, जब तक कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल के कार्यालय की नियमित व्यवस्था नहीं की जाती है।’’ यानी सरल शब्दों में समझें तो राष्ट्रपति भवन की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर आनंदी बेन की नियुक्ति स्थायी नहीं बल्कि तात्कालिक है और जब तक वहां के लिए नए राज्यपाल की नियुक्त नहीं हो जाती है तब तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन करने के साथ ही अतिरिक्त प्रभार के तौर पर वे मध्य प्रदेश के राजभवन के कामकाज का कार्यभार भी संभालेंगी।
उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय लालजी टंडन को मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने से पहले आनंदी बेन ही वहां की राज्यपाल थीं और वहीं से उनको उत्तर प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त करके लखनऊ लाया गया था। बाद में लालजी टंडन की तबीयत खराब होने और उनके अस्पताल में भर्ती होने के बाद एक बार फिर इस महीने की शुरूआत में पहली तारीख को ही आनंदी बेन पटेल को मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपते हुए उन्हें शपथ दिलाई गई क्योंकि मध्य प्रदेश में राज्यपाल लालजी टंडन की लम्बे समय से अनुपस्थिति की वजह से राजभवन का काम प्रभावित हो रहा था। लालजी के अस्पताल में भर्ती होने की वजह से मध्य प्रदेश में सरकार के कामकाज में भी दिक्कत आ रही थी और शिवराज सरकार के मंत्रीमंडल का भी विस्तार किया जाना था। जिसके कारण आनंदी बेन को ही मध्य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपने का फैसला लिया गया और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल ने राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित समारोह में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। बाद में आनंदी बेन ने ही राज्यपाल की हैसियत से शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के प्रस्ताव पर सहमति की मुहर लगाई और मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। हालांकि उस समय भी आनंदी बेन को प्रभारी राज्यपाल ही बनाया गया था और एक बार फिर जब तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर राष्ट्रपति के द्वारा किसी की नियुक्ति नहीं कर दी जाती है तब तक के लिये आनंदी बेन को वहां के राजभवन का कामकाज संभालने के लिए राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया है। लेकिन पहले की ही तरह वे आगे भी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनी रहेंगी।