राजस्थान में ग्रेट पोलिटिकल ड्रामा चालू आहे

बाल मुकुन्द ओझा

राजस्थान का सियासी संकट गहरा गया है। जो स्थितियां पिछले दो दिनों में बनी हुई हैं, उससे साफ है कि अब सुलह की गुंजाइश नहीं है, बल्कि लड़ाई आरपार की है। कल तक लगता था मामला ले देकर सुलट जायेगा। इसे चाय की प्याली में तूफान बताया जा रहा था मगर अब प्याली से चाय उफनने लगी है। अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार रहेगी या सत्ताच्युत होगी इस पर जल्दी ही स्थिति साफ होगी। सरकार बचाने के लिए वेणुगोपाल, सुरजेवाला, माकन और अविनाश पांडे जयपुर पहुँच गए है। कांग्रेस आलाकमान ने बगावती नेता सचिन पायलट को मिल बैठकर मामला निपटाने को कहा है। गहलोत खेमा जहाँ 100 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है वहीँ सचिन खेमा अपने पास 25 विधायकों के होने का दावा कर रहा है। सोमवार को विधायक दल की बैठक दिनभर टलती रही। अफवाहों का बाजार गर्म हो रहा है। कभी पायलट के भाजपा में शामिल होने कीबात कही जा रही है तो कभी तीसरा फ्रंट बनाने की बात हो रही है। पायलट के पोस्टर और बेनर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से हटाए जा रहे है। बताया जाता है कांग्रेस आलाकमान की पायलट से बात हुई जो गहलोत को हटाने पर अड़े हुए है। पिछले कुछ दिनों से चल रहे इस सियासी ड्रामे ने सोमवार को क्लाइमेक्स का रूप ले लिया जहां अशोक गहलोत और सचिन पायलट में आर पार की सियासी तलवारें खिंच गई।
राजस्थान विधानसभा में वर्तमान में 200 सदस्य है। इनमें कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 सदस्य है। 13 निर्दलीय और शेष छोटी पार्टियों के है। कांग्रेस निर्दलीयों के समर्थन का दावा कर रही है। सचिन खेमे के 25 विधायक भाजपा के पास आ जाते है तो गहलोत सरकार खतरे में पड़ जायेगी। शह और मात का खेल खेला जा रहा है। सचिन पायलट की पत्नी सारा पायलट के ट्वीट से भी उनकी नाराजगी के गहरे तेवरों का साफ इशारा मिल रहा है। सारा ने रविवार को पायलट की तस्वीर के साथ ट्वीट में लिखा श्बड़े-बड़े जादूगरों के पसीने छूट जाते हैं, जब हम दिल्ली का रुख करते हैं।
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व संकट को भांपने में विफल रहा। मध्य प्रदेश में सरकार गिरने के बाद भी नहीं संभला। सबको पता है कि राजस्थान में सरकार बनने के साथ ही पायलट और गहलोत के बीच कलह शुरू हो गई थी। यह भी बताया जा रहा है सचिन ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की है और सिंधिया ने स्वाभिमान की रक्षा के लिए भाजपा में शामिल होने को कहा है। पायलट ने आगे आकर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले है। मीडिया में ही दावे और प्रतिदावे किये जा रहे है। राजस्थान में मध्य प्रदेश न दोहराया जाये इससे कांग्रेस की चिंता बढ़ती जा रही है। यदि ऐसा होता है तो यह कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका साबित होगा। दूसरी तरफ इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस के नेता राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठोड के यहाँ छापामारी की है।
दोपहर एक बजे के बाद मुख्यमंत्री निवास पर हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मीडिया के लिए दरवाजे खोल दिए गए। बैठक में पूर्ण बहुमत का दावा किया गया। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद समझौते और सुलह की बातें भी की जा रही है। कहा जा रहा है प्रियंका गाँधी बीच का रास्ता निकालने का काम कर रही है। सचिन ने बगावती रुख अख्तियार करने के बाद अभी अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोले है। फिलहाल भाजपा पूरी स्थिति पर नजर रख रही है। वह अपना फायदा देखकर कोई निर्णय लेंगी। बहरहाल सियासी ड्रामा अभी चालू है।