अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

|
कोरोना महामारी के दौरान तहस नहस हुई देश की अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने से सरकार को राहत मिली है। मजदूर भी धीरे धीरे काम पर लौट रहे है वहीँ कृषि और पेट्रोलियम के क्षेत्र से भी सुखद सन्देश मिले है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामान्य स्थिति की तरफ लौटने के संकेत दिखने लगे हैं। लॉकडाउन के तहत लागू विभिन्न प्रतिबंधों में ढील दिये जाने के बाद गतिविधियां बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि यह अभी अनिश्चित है कि आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह से कब शुरू हो जायेगी। मांग की स्थिति सामान्य होने में कितना समय लगेगा और यह महामारी हमारी संभावित वृद्धि पर कितने लंबे समय तक प्रभाव छोड़ती है यह देखने की बात है। सरकार ने लक्ष्य विशेष से संबंधित और व्यापक स्तर के सुधार के तमाम उपायों की पहले ही घोषणा कर दी है, इनसे देश की संभावित वृद्धि को मदद मिलेगी। मौद्रिक, वित्तीय, नियामकीय और ढांचागत सुधारों के क्षेत्र में जो भी उपाय किये गये हैं उनसे निकट भविष्य में कम से कम व्यावधान के साथ अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार लाने में जरूरी परिस्थितियां बनाने में मदद मिलेगी।
आर्थिक क्षेत्र से मिली जानकारी के अनुसार मई में खाद की बिक्री पिछले साल के मुकाबले दोगुनी हुई है। जून के पहले हफ्ते में निर्यात फिर से अपनी पुरानी हालत में आ गया है और यह कोरोना के पहले वाले स्तर पर पहुंच गया है। विकास दर तेजी से बढ़ रही है। मई और जून महीने में ट्रैक्टर की बिक्री अनुमान से बेहतर रही है। उर्वरकों की खरीद जैसे तमाम संकेतकों के आधार पर विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि अर्थव्यवस्था की रिकवरी का माध्यम कृषि क्षेत्र ही बनेगा क्योंकि जिन कुछ क्षेत्रों पर कोरोना का सबसे कम प्रतिकूल असर पड़ा है, उनमें कृषि भी शामिल है। अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए, कमाई की कड़ियों को फिर से जोड़ने और कोरोना से न्यूनतम प्रभावित क्षेत्रों का पूरी क्षमता से उत्पादन लेने के साथ अन्य प्रभावित क्षेत्रों में कामकाज सुचारू करने की बड़ी चुनौती है। सरकार ने अवरुद्ध पड़ी अर्थव्यवस्था में रफ्तार भरने के लिए भारी-भरकम वित्तीय पैकेज दिया है। यह बहुत कारगर साबित होगा, खासकर एमएसएमई के लिए दिया गया पैकेज उनके लिए संजीवनी साबित हो सकता है।
भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत की ओर तेजी से अपने कदम बढ़ा दिए हैं। बिजली सेक्टर पिछले वर्ष की तुलना में 90 फीसदी उत्पादन की स्थिति में आ गया है। सरकार ने लेदर, फूड प्रोसेसिंग, एग्रोकेमिकल सेक्टर, इलेक्ट्रानिक सेक्टर को कई सुविधाएं दी हैं जिससे ये सारे सेक्टर भारत को आत्मनिर्भरता की ओर लेकर बढेंगे। यह संकेतक दर्शाते हैं कि आर्थिक सुधार शुरू होने वाले है। यह स्थिति निश्चय ही देश के लिए सुखद कही जा सकती है।
गूगल हर महीने मोबिलिटी रिपोर्ट जारी करता है। गूगल की नई रिपोर्ट के मुताबिक रिटेल एंड मनोरंजन, ग्रॉसरी एंड फार्मेसी, ट्रांसपोर्ट हब, पार्क, वर्कप्लेस और आवासीय जैसे छह स्थानों पर एक जून के बाद गतिविधियों में वृद्धि हो रही है। लोगों की सबसे ज्यादा चहलकदमी ग्रॉसरी और फार्मा सेक्टर में देखने को मिली है। इसके बाद अब लोग दफ्तर भी जाने लगे हैं। दूसरे नंबर पर वर्कप्लेस का नाम है। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट हब, पार्क और रिटेल एंड मनोरंजन सेक्टर में पहले के मुकाबले चहलकदमी बढ़ी है। गूगल मोबिलिटी रिपोर्ट मोबाइल लोकेशन के आधार पर तैयार की जाती है। उदाहरण के तौर पर यदि आप किसी मेडिकल स्टोर पर जाते हैं और आपके फोन की लोकेशन ऑन है तो गूगल आपके इस विजिट को स्टोर करेगा और इसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी। गूगल की मोबिलिटी रिपोर्ट भारत समेत दुनिया के 131 देशों के लिए जारी होती है।