भारत रत्न श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्मजयंती पर आज केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन सहित वरिष्ठ नेताओं ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया

नई दिल्ली। सेवा और राष्ट्रवाद की विचारधारा से ओत-प्रोत राजनीतिक दल “भारतीय जनसंघ“ के संस्थापक एवं एक देश, एक संविधान के समर्थक, भारत रत्न श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जन्मजयंती पर आज केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धनव दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने शहीदी पार्क में आयोजित सभा में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, दिल्ली भाजपा पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल, दिल्ली भाजपा पूर्व अध्यक्ष व सांसद  मनोज तिवारी, सांसद  मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी,  प्रवेश साहिब सिंह,  हंसराज हंस, दिल्ली भाजपा पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, दिल्ली भाजपा पूर्व अध्यक्ष व विधायक विजेंद्र गुप्ता, प्रदेश संगठन महामंत्री  सिद्धार्थन, उत्तरी नगर निगम महापौर जयप्रकाश, दक्षिणी नगर निगम महापौर  अनामिका मिथलेश, पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर  निर्मल जैन, पूर्व सांसद अनीता आर्य व पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि यह हम सभी जानते हैं कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे, शिक्षाविद थे और बहुत ही कम कोलकाता यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बने और देश की एकता और अखंडता के लिए अपनी जान को न्यौछावर किया लेकिन जब मैं साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री बना तब डॉ मुखर्जी जी के जीवन का एक नया पहलू जानने को मिला जिसकी मुझे भी जानकारी नहीं थी। डॉक्टर मुखर्जी जी के योगदान से आज विश्व में इंडस्ट्रियल रिसर्च के क्षेत्र में भारत उच्च पायदान पर है। उन्होंने बताया कि उस जमाने में साइंस एंड टेक्नोलॉजी का कोई अलग मंत्रालय नहीं होता था लेकिन साइंस से जुड़े पक्ष को डॉक्टर मुखर्जी जी ही देखा करते थे। युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित करने वाले राष्ट्र चिंतक डॉ मुखर्जी जी शिक्षा की गुणवत्ता और शोध कार्यों के बहुत बड़े पक्षधर थे। साइंस एंड टेक्नोलॉजी की सबसे प्रतिष्ठित संस्थान को काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च का काम भी डॉ मुखर्जी जी की देखा करते थे। साइंस एंड टेक्नोलॉजी संस्थानों को शुरू करना, उन्हें विकसित करना, उनकी प्रगति को गति देने का भी काम डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने किया। उस समय भी इंडस्ट्रीज में साइंस का उपयोग करते हुए लोगों को लाभ पहुंचाने के विजन को प्रत्यक्ष रूप देकर डॉ मुखर्जी जी ने कई शोध संस्थानों को विकसित किया। दुनिया में ऐसी 1200 संस्थाएं जो इंडस्ट्री से जुड़े रिसर्च करती है और डॉ मुखर्जी जी के प्रयासों की देन है कि आज सी आई एस आर दुनिया के टॉप 10 इंडस्ट्री से जुड़े रिसर्च संस्थानों में से एक है।
डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन की वेबसाइट पर उनके राजनीतिक और वैचारिक जीवन के कई पहलुओं की विस्तार में जानकारी दी गई है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अनुरोध करते हुए कहा कि जब भी कोलकाता जाने का अवसर मिले, डॉ मुखर्जी जी के निवास स्थान पर अवश्य जाएं और उनके विचारों को आत्मसात कर भारत की अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए कृत संकल्पित हों। उनके निवास स्थान पर उनके राजनैतिक जीवन के जितने भी पहलू थे उनके चित्रों को डिजिटलाइज करके प्रदर्शनी के तौर पर लगाया हुआ है जिसे देख कर आप यह अनुभूति करेंगे कि डॉक्टर मुखर्जी जी के बारे में अभी तक आप ज्यादा नहीं जानते थे। उन्होंने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा देश पर किए गए उपकारों के लिए हम उनके ऋणी हैं। महापुरुषों के आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर आदेश गुप्ता ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी स्मृति पटल पर ऐसे शख्सियत के रूप में विराजमान है जिन्होंने हमें वैचारिक शक्ति प्रदान की। जिन्होंने अपने जीवन काल में किसी पद या सत्ता को अपना ध्येय नहीं माना। महान शिक्षाविद् , चिंतक एवं भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी राष्ट्रभक्ति, त्याग और समर्पण के अद्वितीय प्रतीक हैं। उनका पूरा जीवन भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहा। राष्ट्रहित में उनका योगदान हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने बताया कि पंडित नेहरू के नीतियों के कारण कश्मीर भारत से अलग होता दिख रहा था जिसे लेकर डॉ मुखर्जी जी ने आवाज उठाई और कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और एक देश में एक निशान, एक विधान और एक प्रधान होगा। उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी जी के संघर्ष और बलिदान को सार्थक रूप देने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की रणनीति ने किया, जब 5 अगस्त 2019 को संसद में कश्मीर से धारा 370 और 35ए को खत्म किया गया।