बिहार में चुनाव से जुड़े अधिकारियों की गृह जिलों में नही होगी तैनाती
|
बिहार में विधानसभा के आम चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि पिछले चुनावों में अगर किसी अधिकारी के कामकाज पर चुनाव आयोग ने सवाल उठाया है या कार्रवाई की है, तो उसे तत्काल चुनाव संबंधी काम से हटाया जाएगा। हालांकि आयोग ने यह भी कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर किसी अधिकारी की तैनाती चुनाव आयोग के निर्देश पर की गयी थी, तो उसे इस ट्रांसफर से अलग रखा जा सकता है।
बिहार के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार को जारी निर्देश में आयोग ने कहा बिहार में चुनाव कार्य से जुड़े अधिकारियों की उनके गृह जिले में तैनाती नही की जाएगी। आयोग के वरीय प्रधान सचिव नरेंद्र एन बुटोलिया ने बिहार में आगामी अक्टूबर-नवम्बर में होने वाले विधानसभा आम चुनाव को लेकर ये निर्देश दिए। आयोग ने कहा कि अगर ऐसे अधिकारी कहीं तैनात हैं तो उन्हें वहां से हटा दिया जाए। इनमें जिलाधिकारी लेकर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी और पुलिस महकमा के सभी पदाधिकारी व कर्मी शामिल होंगे।
आयोग के अनुसार 31 अक्टूबर तक एक ही स्थान पर पिछले तीन साल से तैनात जिलाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकरी, पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस उप महानिरीक्षक और इंस्पेक्टर व दरोगा को हटाने का निर्देश दिया।
जिनकी सेवानिवृति छह माह से कम उन्हें नही दी जाएगी ड्यूटी
आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन कर्मियों की सेवानिवृति में छह माह से कम समय बचा हो उन्हें चुनाव संबंधी ड्यूटी नही दी जाएगी। साथ ही, जिन कर्मियों का कार्यकाल एक ही स्थान पर तीन साल पूरे हो गए हो और चार साल होने को है उन्हें 31 अक्टूबर तक हटा दिया जाए।