दुनिया के चौथे  सबसे ऊंचे  माउंट किलिमंजारो पर्वत पर तिरंगा फहरायेगी बिहार की बेटी लक्ष्मी

 पटना। दुनिया का सबसे ऊँचा माउंट किलिमंजारो पर्वत श्रृंखला पर बिहार की बेटी लक्ष्मी तिरंगा फहरायेगी इस अभियान की शुरुआत पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने फ्लैग ऑन कर उसके अभियान को हरी झंडी दिखाई। बिहार के सहरसा जिले के बनगाँव की रहने वाली लक्ष्मी झा साउथ अफ्रीका के माउंट किलिमंजारो पर्वत की 19341 फीट ऊँची चोटी पर आठ मार्च महिला दिवस के दिन पहुंचेंगी ।अभियान में निकलने से पूर्व लक्ष्मी झा ने कहा कि राज्य सरकार के कई मंत्रालयों से सहयोग नहीं मिलने पर वह हिम्मत हार गई थी ।उसे ऐसा लगने लगा कि उसका सपना कभी पूरा नहीं हो पायेगा तभी उसे भाजपा के पूर्व सांसद आर के सिन्हा का साथ मिला और उसके सपनों को पंख लग गए और इस अभियान में वह आज आर के सिन्हा के आशीर्वाद के साथ अभियान में निकल पड़ी है । पहले वह मुंबई पहुंचेंगी उसके बाद वहां से साउथ अफ्रीका में किलिमंजारो एयर पोर्ट पहुंचेंगी । सात मार्च को अभियान की शुरुआत होगी और आठ मार्च को दुनिया के चौथे सबसे ऊँचे पर पहुंचेगी और एक कीर्तिमान स्थापित करेंगी।

इस सम्बन्ध में में पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि लक्ष्मी की यात्रा में होने खर्च और प्रशिक्षण का खर्च वे खुद वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी जब माउंट एवरेस्ट की बेस कैंप पर पहुंची थी उसके पहले से मैं इनकी प्रतिभा को जानता हूँ। उनको इस उपलब्धि पर हर संभव सहायता करने की घोषणा भी की थी आज के दिन लक्ष्मी झा को इस अभियान के लिए भेज कर मैं खुद भी गौरव की अनुभूति कर रहा हूँ मेरी यह कोशिश रही है कि कोई भी प्रतिभा  पैसे के अभाव में  कुंठित न हो उन्हें एक सम्मान के साथ जीवन में कुछ करने का अवसर मिलना चाहिए बिहार के लोगों की जिम्मेवारी है सरकार की जिम्मेवारी है पर कोई राह नहीं दिखता तो बच्चे मेरे पास आते है उन्हें मैं हर संभव मदद करता हूँ । पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि अवसर ट्रस्ट पढ़ाई लिखाई के लिए समर्पित संस्थान है यहाँ से भी बच्चे निशुल्क पढ़ाई कर के आई आई टी और यूपीएसी जैसी परीक्षाओं में जातें है और अपने प्रदेश का नाम रौशन करते हैं। लक्ष्मी झा को माउंट किलिमंजारो पर्वत पर चढ़ाई कर भारतीय झंडा फहराने के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई देता हूँ।

माउंट किलिमंजारो पर्वत चौथी सबसे प्रमुख चोटी है। 1889 में शिखर पर पहुंचने वाले पहले लोग हैंस मेयर और लुडविग पर्त्शेलर थे । यह किलिमंजारो नेशनल पार्क का हिस्सा है और एक प्रमुख चढ़ाई ट्रेकिंग है। इसके सिकुड़ते ग्लेशियरों और लुप्त हो रहे बर्फ क्षेत्रों के कारण यह कई वैज्ञानिक अध्ययनों का विषय रहा है। अपने पर्वतारोही अभियान को  सच करने निकली बिहार के सहरसा की पर्वतारोही लक्ष्मी झा ने कहा कि पूर्व सांसद आर के सिन्हा जी ने वैसे समय पर हमारी मदद की है जब मेरे इस अभियान के लिए सारे दरवाजे बंद नजर आ रहे थे उन्हें मैं मैं विशेष आभार व्यक्त करती हूँ कि उन्होंने मुझे एक साल से इस अभियान के तैयारी के साथ अभियान के सारे खर्चे दिए है उन्हीं के बदौलत आज मैं इस अभियान में निकल पाई हूँ।

बिहार के सहरसा जिले की रहने वाली लक्ष्मी झा ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया है दरअसल, मूल रूप से सहरसा के बनगांव की रहने वाली लक्ष्मी झा ने मात्र 9 दिनों के अंदर नेपाल स्थित माउंट एवरेस्ट बेस कैंप और नेपाल के काला पत्थर पर तिरंगा लहराकर नाम रोशन कियाथा  लक्ष्मी झा एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने वाली बिहार की पहली बेटी बनी है उन्हें ये सफलता बहुत संघर्ष के बाद मिली है जिसमें उनकी मां सरिता देवी का काफी सहयोग रहा है लक्ष्मी झा के इस उपलब्धि को लेकर परिवार में खुशी का माहौल है बता दें कि लक्ष्मी झा सहरसा जिले के बनगांव की रहने वाली है और इनके पिता का नाम स्व बिनोद झा है जिनकी 17 वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है लक्ष्मी झा 4 भाई बहन में सबसे छोटी है पिता की मौत के बाद रोजी रोटी का कोई सहारा नहीं होने के कारण उनकी मां काफी मेहनत से अपने चार बच्चों का लालन पालन करती रही और सभी बच्चों को पढ़ाया लिखाया । लक्ष्मी ने मैट्रिक और इंटर के बाद बीए पास की, उसके बाद ग्रुप डी की परीक्षा पास की और पटना के सचिवालय में 2019 में सहायक कर्मचारी बन गई लक्ष्मी ने नौकरी करने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और वो एवरेस्ट पर चढ़ने को लेकर तैयारी करने लगी जहां उन्होंने अपना नामांकन उत्तराखंड के पर्वतारोही नेहरू इंस्टीट्यूट में करवाया, सहयोग और मार्गदर्शन से वो आगे बढ़ी।