चिंतन मंथन का दिन है गणतंत्र दिवस

बाल मुकुन्द ओझा

देश आज 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। देश ने 26 जनवरी 1950 को एक संविधान को अपनाया, जिसके तहत भारत को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 बजे भारत एक गणतंत्र बना। इस के छह मिनट बाद 10.24 बजे डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। हर साल की भांति इस बार भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ पर कुछ खास कार्यक्रम देखने को मिलेंगे। दिल्ली के राजपथ पर देश की सांस्कृतिक विविधता में एकता, अखंडता और सैन्य ताकत की झलक दिखाई देगी।

भारतीय गणतंत्र को स्थापित हुए 73 साल पूरे हो गए। हम गणतंत्र की 74 वीं सालगिरह मना रहे हैं। गणतंत्र का अर्थ है हमारा संविधान – हमारी सरकार- हमारे कर्त्व्य – हमारा अधिकार। इस व्यवस्था को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ और 26 जनवरी 1950 को भारत एक सम्प्रभु लोकतान्त्रिक गणराज्य घोषित हुआ। गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है। यह दिवस भारत के गणतंत्र बनने की खुशी में मनाया जाता है। इसे सभी जाति एवं वर्ग के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं।
हमारे देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को गणतांत्रिक देश घोषित किया था। इसे पहली बार 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था। इसके बाद से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। देश के राष्ट्रपति लालकिले पर आयोजित देश के मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसी दिन स्वतंत्र भारत का नया संविधान लागू हुआ था। गणतंत्र दिवस के दिन हमें अपने संविधान पर सार्थक चर्चा और मंथन करने की महती जरुरत है। मौजूदा समय में संविधान के बहुतेरे प्रावधानों की लोग अपने अपने हिसाब से व्याख्या करने में जुटे है। भारत का संविधान इस समय अग्नि परीक्षा से गुजर रहा है। हमारा संविधान बताता है कि देश के प्रत्येक नागरिक का यह मूल कर्तव्य होगा कि वह संविधान का अनुपालन करे और उसके द्वारा स्थापित संस्थाओं एवं आदर्शों का सम्मान करे। गणतंत्र दिवस के पावन दिवस पर हमें खुले दिल से इन सब बातों पर गहनता से मंथन करना चाहिए तभी इसकी सार्थकता सिद्ध होगी।
भारत का संविधान विश्व में सबसे बड़ा संविधान है। इस संविधान के जरिये नागरिकों को प्रजातान्त्रिक अधिकार सौंपे गए। संविधान देश में विधायिका ,कार्यपालिका और न्यायपालिका की व्यवस्था तथा उनके अधिकारों और दायित्वों को सुनिश्चित करता है। सविँधान के जरिये हमने अपने लोकतान्त्रिक अधिकार हासिल किये ,अथार्त समस्त अधिकार जनता में निहित हुए ,इसी दिन हमें अपने मौलिक अधिकार प्राप्त हुए और एक नए लोकतान्त्रिक देश का निर्माण हुआ। भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा किया गया। संविधान सभा में 296 सदस्य थे। जिन्होंने एक महीने 18 दिन काम कर संविधान को तैयार किया। हालाँकि इस अवधि में काम केवल 166 घंटे ही हुआ और हमारा संविधान बनकर तैयार हो गया। 26 जनवरी 1950 को हमारे संविधान को लागू किये जाने के कारण हर वर्ष 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है।
गणतंत्र दिवस हमारी राष्ट्रीय एकता एवं भावना को और अधिक प्रगाढ़ बनाने के लिए देशवाशियों को प्रेरित करता है। यह पर्व हमारे शहीदों की अमर गाथाओं से हमें गौरवान्वित करता है और प्रेरणा देता है कि अपने देश के गौरव को बनाए रखने के लिए हम संकल्पित है तथा हर पल तेजी से प्रगति और विकास की ओर बढ़ रहे है। हमारा गणतंत्र अनेक विकट समस्याओं के चक्रव्यूह में फंसा हुआ है। गणतंत्र को जनसंख्यां विस्फोट, गरीबी, बेकारी, भ्रष्टाचार, असहिष्णुता अत्याचार, कुरीतियों और बेकारी जैसी समस्याओं के चक्रव्यूह से निकालने के लिए हमें अपनी सम्पूर्ण ताकत से प्रयास करना होगा। इसके लिए जरूरी है की हम मिलजुलकर इन चुनौतियों का सामना करें और आदर्श समाज की स्थापना में तन मन और धन से जुटें। गणतंत्र की सार्थकता तभी होगी जब हरेक व्यक्ति को काम व भरपेट भोजन मिले। गणतंत्र की सफलता हमारी एकजुटता और स्वतंत्रता सेनानियों की भावना के अनुरूप देश के नव निर्माण में निहित है।

(लेखक वरिष्ठ स्तम्भकार हैं)