देश की जनता सेना की शहादत का हिसाब नहीं मांगती बल्कि उनके बलिदान को सलाम करती है-रविशंकर प्रसाद
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा सेना का अपमान करने और राहुल गांधी द्वारा उनके बयां को निजी बताकर पल्ला झाड़ने पर पूर्वमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने विरोध जताते हुए राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधते हुए सवाल पूछा कि हजारों किलोमीटर साथ चलने के बाद भी दिग्विजय सिंह को भारतीय सेना के प्रति सम्मान करना क्यों नहीं सीखा सके?
आज भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मलेन में उन्होंने उक्त सवाल पूछते हुए कहा कि देश की जनता सेना की शहादत का हिसाब नहीं मांगती बल्कि उनके बलिदान को सलाम करती है।यही भारत की परम्परा भी रही है। हम सब लोग देश के लिए जीते हैं जबकि सेना के जवान और अधिकारी देश के लिए शहीद होते हैं।उन्होंने राहुल गांधी से कांग्रेस के नीति और नियत पर घेरते हुए पूछा कि कांग्रेस में किस तरह कि ट्रेनिंग दी जाती है कि पार्टी के अधिकांश नेता सेना का निरंतर अपमान करने का कोई मौका नहीं चूकते हैं साथ ही देश की सुरक्षा पर हमेशा आतंकी के साथ कांग्रेस पार्टी क्यों खड़ी मिलती है।आज सेना के बड़े-बडे अधिकारी भी कह रहे हैं सेना के इंस्टीच्यूशनल रिस्पेक्ट पर सवाल खड़े नहीं करने चाहिए। आज आतंकवाद एक बहुत बड़ी चुनौती है। सेना के जवान पाकिस्तानी सीमा से लेकर चीन की सीमा पर देश की सुरक्षा कर रहे हैं। क्या सेना के जवानों के लिए सम्मान के दो शब्द भी नहीं बोल सकते?
उन्होंने राहुल गांधी द्वारा पहले दिए गए विवादित टिप्पणियों को याद कराते हुए कहा कि क्या राहुल गांधी उन टिप्पणियों को वापस लेंगे? क्या उसके लिए माफी मांगेगे?16 दिसंबर 2022 को राजस्थान के दौसा में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था कि चीनी सैनिक भारत के सैनिकों को ‘पीट’ रहे हैं। ये भारतीय सेना के लिए बहुत ही अपमानजनक शब्द थे। राहुल गाँधी ने गलत बयानी भी की थी, क्योंकि भारतीय सेना ने उस समय कमाल का शौर्य दिखाया था।23 जून 2022 को गलवान मुद्दे पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि क्या चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जा किया है? जबकि भारतीय सेना ने चीन को कब्जा करने से रोका था और उन्हें पीछे धकेला था, तब राहुल गांधी ने इस प्रकार का ट्वीट किया था। गलवान की घटना में कर्नल स्तर के अधिकारी सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हुए थे और भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को पीटा था जिससे चीनी सैनिक हताहत भी हुए थे।6 अक्टूबर 2016 को राहुल गांधी ने सेना की वीरता को खून की दलाली कहा था। यह उस समय बयान दिया गया था, जब सर्जिकल स्ट्राइक को सफलता पूर्वक अंजाम देने के लिए भारतीय सेना की चारों ओर तारीफ हो रही थी।राहुल गांधी जेएनयू जाकर संसद पर हमला करने वाले मास्टर माइंड अफजल गुरू की बरसी मनाने वाले “टूकड़े टूकड़े गैंग” के साथ खड़े हुए और उनको अपना नैतिक समर्थन दिया था।राहुल गांधी ने अमेरिका के राजूदत से कभी कहा था कि अन्य आतंकवाद की तुलना में हिन्दू आतंकवाद कहीं ज्यादा खतरनाक है।
उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के दिए गए बयानों जिसमें जाकिर नायक को शांति का दूत बताया था। अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ओसामा जी कहा थे।बाटला हाउस कांड में जब आतंकवादी मारे गए थे तब दिग्विजय सिंह आजमगढ़ तक जाकर उनके परिवार से मिले थे और इस एनाकांउटर सवाल खड़ा किया था, जबकि तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार ने इस मुठभेड़ में शहीद हुए इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।सर्जिकल स्टाइक पर दिग्विजय सिंह का यह कोई नया नहीं बल्कि उनका पुराना राग है।
उन्होंने कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता पी चिदाम्बरम ने 2015 में अखबारों में आर्टिकल लिखा था कि कश्मीर के लोग स्वायत्ता की मांग करते हैं, उनका स्वयत्तता का मतलब आजादी से नहीं है तथा मणिशंकर अय्यर सहित अन्य कांग्रेस नेता भी इस तरह के विवादित बयान बार-बार दिए हैं। कांग्रेस नेताओं द्वारा सेना के बड़े-बड़े अधिकारियों का अपमान भी किया गया।कांग्रेस नेता और सलमान खुर्शीद ने “सनराइज ओवर अयोध्या” पुस्तक में लिखा है कि हिन्दुत्व को इस रुप में बढ़ाय जा रहा है जैसे आतंवादी संगठन “बोको हराम” हो।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जब भी कांग्रेस नेताओं के बयान पर फंसते हैं, तो उनका सीधा जवाब होता है कि यह उनका निजी विचार है। राहुल गांधी यह भी कह सकते थे कि कांग्रेस नेताओं ने जो भी आपत्तिजनक बयान दिए हैं, उसके लिए हम शर्मिंदा हैं और माफी मांगते हैं। उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत दी कि भारतीय सेना देश के लिए बहुत बड़ा एसेट है और उनके बलिदान पर हर भारतीय को गर्व है। हरेक राजनीतिक दल को राजनीति से ऊपर उठकर भारतीय सेना का सम्मान करना चाहिए।भाजपा नेता श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस मीडिया प्रभारी जयराम रमेश का वीडियो देखा जिसमें वे एक पत्रकार को फिजिकली सवाल करने से रोक रहे थे जबकि दिग्विजय सिंह जवाब देने के लिए उतने ही उत्साहित नजर आ रहे थे। ऐसा क्यों, क्योंकि कांग्रेस नेताओं को मालूम है कि उनका रुख स्पष्ट नहीं है। इस कारण कांग्रेस पार्टी में ऐसी समस्याएं आती रहती हैं।