वैश्विक मंदी में भारत की विकास दर सबसे तेज

प्रोफ़ेसर  मोनिका ओझा खत्री

भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। भारत ने पिछले 10 सालों में शानदार आर्थिक विकास दर हासिल की है और जहां एक दशक पहले भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी था वहीं अब ये 6 स्थान आगे बढ़कर 5वें स्थान पर आ गया है।  भारत की इस उपलब्धि के साथ ब्रिटेन छठें स्थान पर फिसल गया है।  वर्ष 2022 में पृथ्वी की आबादी 8 अरब के पार पहुंच गई. वैश्विक अर्थव्यवस्था ने 100 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पर कर लिया।  IMF के डेटा के अनुसार, दुनिया की अर्थव्यवस्था 101.6 ट्रिलियन डॉलर हो गई है।  सबसे अहम बात ये है कि दुनिया की इस विशाल अर्थव्यवस्था में भारत का अहम योगदान है।  भारत दुनिया की टॉप पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया  है।

प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने कहा है कि साल 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था 20 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी।  इसी दौरान तक प्रति व्यक्ति आय भी 1000 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी। कोरोना महामारी के बाद अब आर्थिक सूचकांक में तेजी आई है। अब हर किसी की निगाह 2023-24 दौरान विकास दर पर रहने वाली है और साथ ही 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था कैसी होगी इस पर भी नजरें हैं।

माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला ने  कहा कि भारत को इस दशक के अंत तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने वाली तीन सकारात्मक बातें तकनीकी क्षेत्र में नजर आ रही हैं। इनमें तेजी से बढ़ते कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रोजेक्ट, भारतीय कार्य बल द्वारा अपनी क्षमताएं लगातार सुधारना और गिटहब पर डेवलपर्स की गतिविधियां शामिल हैं।

ब्रिटेन की प्रतिष्ठित कंसल्टेंसी, सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) ने अपनी रिपोर्ट का नवीनतम संस्करण सोमवार को जारी किया गया है। सीईबीआर ने अपनी नवीनतम वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल-2023 में अनुमान जताया है कि भारत 2035 में 10 लाख करोड़ डॉलर की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। थिंकटैंक ने भविष्यवाणी की है कि 2037 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेगा। रिपोर्ट में भारत की ग्रोथ को अनस्टॉपेबल बताया गया है। सीईबीआर ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पर प्रकाश डालते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है: “2035 में, हम अनुमान लगाते हैं कि भारत तीसरी $10-ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बन जाएगा। , महामारी के थमने के साथ आर्थिक गतिविधियों में तेज उछाल आया। इसके फलस्वरूप वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी में 8.7% की वृद्धि हुई, जिससे यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया। वैश्विक मांग में गिरावट और महंगाई के दबाव को रोकने के लिए मौद्रिक नीति को कड़ा करने के बावजूद हम अब भी उम्मीद करते हैं कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की विकास दर 6.8 प्रतिशत  देखने को मिलेगी।  वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक विकास दर 13.5 फीसदी की दर से बढ़ी है।

(लेखक पूर्णिमा यूनिवर्सिटी, जयपुर के बीबीए की विभागाध्यक्ष है।)