प्रो.सिंघल ने सामुदायिक और भौगोलिक ज्ञान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया

परिचयप्रो. सिंघल का जन्म 11 जून 1957 को उदयपुर में हुआ और इनका सम्पूर्ण कर्म क्षेत्र कोटा रहा। आपने राजस्थान विश्विद्यालय से भूगोल में बी. ए. आनर्स में टॉप किया और एम. ए.भूगोल में टॉप कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। आपने ज्योमोरफोलॉज़ी एंड ह्यूमन सेटलमेंट इन माही-ऐराव दोआब” विषय पर अपना डिसर्टेशन कार्य किया। अपने अध्यापन के दौरान 1985 में सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर से “एग्रीकल्चरल टाइपोलॉजी ऑफ उदयपुर बेसिन” विषय पर एम.फिल. की उपाधि गोल्ड मेडल के साथ प्राप्त की।यह 30 नवम्बर 1979 से राजकीय महाविद्यालय ,कोटा में लेक्चरार ( भूगोल) की सेवा प्रारंभ कर 30 जून 2016 को कन्या राजकीय महाविद्यालय, बूंदी से प्राचार्य पद से सेवा निवृत हुए। इसी मध्य आप कोटा महाविद्यालय में भूगोल विभाग के हैड नियुक्त किए गए।यह राष्ट्रीय स्तर की भू- आकृति विज्ञान परिषद के आजीवन सदस्य होने के साथ – साथ राजस्थान भूगोल परिषद के भी आजीवन सदस्य हैं । आपने 1983 – 84 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित “एयर फ़ोटो इंटरप्रेटेशन रिफ्रेशर कोर्स” में सहभागिता की। वर्तमान मे कोटा विश्वविद्यालय, कोटा में भूगोल विभाग में गेस्ट फेकल्टी के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। भूगोल के साथ – साथ आप सामान्य ज्ञान में पारंगत हैं और मार्ग दर्शन करते हैं।आपने भारत और राजस्थान के भूगोल, संस्कृति और समान्यज्ञान पर अब तक भारत का भूगोल और इतिहास, राजस्थान का सामान्य ज्ञान, राजस्थान : वार्षिक संदर्भ ग्रंथ, राजस्थान ज़िला दर्शन, मनोहारीराजस्थान,म्हारो राजस्थान,राजस्थान की सांस्कृतिक परम्पराएं, राजस्थान: इनक्रेडिबल स्टेट ऑफ इंडिया प्रमुख पुस्तकों सहित अब तक 18 पुस्तकों का लेखन किया है। कुछ स्वयं लिखी है कुछ सहयोगी लेखकों के साथ।