इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज

डॉ मोनिका ओझा खत्री

आर्थिक मोर्चे पर  अच्छी खबर है। कोरोना महामारी के 2 साल बीत जाने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही है। महंगाई के तांडव और कोरोना से जूझ रही अर्थव्यवस्था के बावजूद देशवासियों को त्योहारी सीज़न पर इकॉनमी में गुड न्यूज़ सुनने को मिल रही है। अक्टूबर के आंकड़ों के विश्लेशण से पता चला है की अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार तेजी से हो रहा है। विभिन्न संस्थाओं के आंकड़ों का इस वर्ष की त्योहारी सीज़न में देश की अर्थव्यवस्था में आशाजनक सुधार देखने को मिल रहा है। जीएसटी में माह अक्टूबर में डेढ़ लाख करोड़ से अधिक संग्रहण से इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज मिली है। जि। स तरह से दिवाली त्योहार में बिक्री हुई है और शुरुआती ट्रेंड के मुताबिक नवंबर का जीएसटी कलेक्श 1.60 लाख करोड़ से ज्यादा हो सकता है। यह लगातार सातवां महीना रहा जब जीएसटी कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा। सालाना आधार पर इसमें 26 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया।

कोरोना से निपटने के बाद अब पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अभी जर्मनी, जापान, चीन और अमेरिका भारत से आगे हैं। उम्मीद हैं कि आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक गति इतनी तेज़ी से बढ़ेगी कि ये चीन को भी पीछे छोड़ देगी। चीन इस समय अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा के मुताबिक, साल 2025-26 तक भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। वहीं साल 2027 तक, भारत जापान (लगभग 5 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी) को भी पीछे छोड़ देगा और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पात्रा के मुताबिक, भारत – पहले से ही यूके से आगे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (लगभग 3.2 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी) है। अभी आने वाले समय में भारत की आबादी दुनिया में सबसे बड़ी हो जाएगी। भारत में कम उम्र के युवाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।

डिप्टी गवर्नर का बयान आईएमएफ के पूर्वानुमान के कुछ हफ्ते बाद आया है कि जर्मनी और इटली अगले साल मंदी की चपेट में आ जाएंगे। IMF वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, साल 2023 में जर्मन अर्थव्यवस्था के 0.3% सिकुड़ने की उम्मीद है। बहुपक्षीय संस्था ने भारत की जीडीपी 6.9% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है, जिसमें तंग मौद्रिक स्थिति वित्त वर्ष 24 में 6.1% की वृद्धि को धीमा कर रही है। इस बदलाव में बैंकों की अहम भूमिका होगी। पात्रा के मुताबिक, बैंकिंग नेटवर्क की पहुंच और प्रसार ने अर्थव्यवस्था में वित्तीय संसाधनों को जुटाने में सुधार किया है।

(लेखक पूर्णिमा यूनिवर्सिटी, जयपुर के बीबीए की विभागाध्यक्ष है।)