सिकलीगर सिखों के मुद्दों को लेकर सिरसा के नेतृत्व में सिख प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात की
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से तत्काल रिपोर्ट मांगी
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नई दिल्ली(चलते फिरते ब्यूरो)। भाजपा के सिख नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से मुलाकात की और सिकलीगर के सिखों को पेश आ रही मुश्किलों व समुदाय की प्रगति और समृद्धि के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में अन्य लोगों के अलावा दिल्ली कमेटी के महासचिव सरदार जगदीप सिंह कहलों भी शामिल थे।
बैठक के बाद सरदार सिरसा ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया था इसलिए उनकी बातचीत के अनुसार हम यहां मुख्यमंत्री से इस मसले पर चर्चा करने आए हैं। सिकलीगर सिखों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें परेशान किया जा रहा है तथा जंगलों में रहने को मजबूर किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में उठाए गए मुद्दों और ज्ञापन में बताये गए मुद्दों के संबंध में मुख्य सचिव से तत्काल रिपोर्ट मांगी है। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि गुरुद्वारा नानकसर हमीदिया रोड भोपाल की लीज़ का समय बढ़ाया जाए और यह लीज़ गुरुद्वारा साहिब के नाम पर की जाए। प्रतिनिधिमंडल की मांग पर मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए कि खरेगांव इलाके में जो दुकानें और ढाबे तोड़े गए हैं, उन्हें दोबारा बनाकर सिकलीगर सिखों को दिया जाएगा।
इस मौके पर स. जगदीप सिंह कहलों ने बताया कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी को उम्मीद है कि बैठक में उठाये गये मुद्दों का जल्द समाधान होगा। उन्होंने कहा कि बैठक काफी सकारात्मक रही जिसमें मुख्यमंत्री ने समस्याओं के जल्द समाधान का आश्वासन दिया है।
इससे पहले बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें सिकलीगर सिखों के इतिहास की जानकारी दी गई। इसमें मुख्यमंत्री को बताया कि मध्य प्रदेश में रहने वाले सिकलीगर सिख गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी के समय से ही लोहे के हथियार और अन्य घरेलू सामान बना रहे हैं। सिकलीगर सिखों के लिए यही उनका मुख्य व्यवसाय और आय का स्रोत है। सिकलीगर समुदाय के पूर्वजों ने देश के लिए बहुत योगदान दिया है।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछली सरकारों ने इस समुदाय की स्थिति सुधारने के लिए कुछ नहीं किया जिसके चलते वे उपेक्षित, बेरोजगार और अशिक्षित रह गए। उन्होंने कहा कि समय की सरकारों के परिवर्तन के साथ, हथियारों के निर्माण को गैर कानूनी घोषित कर दिया गया, जिससे सिकलीगर सिखों के लिए रोजी रोटी कमाना मुश्किल हो गया।
स. सिरसा ने मुख्यमंत्री को अपील करते हुए कहा कि उनकी दशा सुधारने के लिए तत्काल विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा करें, समुदाय के सदस्यों के लिए स्कूल खोले जाएं, जहां वे सदियों से रह रहे हैं उनका मालिकाना हक इन्हें दिया जाए, उनके खिलाफ झूठे मुकदमे बंद होने चाहिए, दर्ज हुईं झूठी एफआईआर को रद्द किया जाए, सिख सिकलीगर युवाओं को आर्डनेंस फैक्टरी या सरकारी नौकरियों में रखा जाना चाहिए व उनके किसी भी स्थान से कब्ज़ा मुक्त करवाने जैसी कार्रवाई ना की जाए और ऐसे स्थानों का स्वामित्व उन्हें दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से सुना और सिरसा और कहलों सहित प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि किसी भी सिकलीगर सिख के साथ अन्याय नहीं किया जाए वह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें न्याय मिले। उनके कल्याण के लिए आवश्यक कदम सरकार उठायेगी।प्रतिनिधिमंडल में स. सिरसा व स. कहलों के अलावा दिल्ली कमेटी सदस्य सर्वजीत सिंह, सीबी सिंह खालसा, मंजीत सिंह भाटिया अध्यक्ष गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा इंदौर, जसबीर सिंह गांधी महासचिव, त्रिलोचन सिंह बासु पूर्व सदस्य अल्पसंख्यक आयोग मध्य प्रदेश, जगजीत सिंह गुरु नानक पब्लिक स्कूल इंदौर, तेजकुलपाल सिंह, मगन सिंह भाटिया, दीपाल सिंह बावरा, सतपाल सिंह बरनाला, तकदीर सिंह, जीतू सिंह तकराणा और जालम सिंह जुनेजा भी मौजूद रहे।