शराब बिक्री बढ़ी तो राजस्व क्यों घटी-आदेश गुप्ता
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नई दिल्ली(चलते फिरते ब्यूरो)। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने पंजाब चुनाव से ठीक पहले नई आबकारी नीति में बदलाव केवल राजनीतिक और आर्थिक लाभ के लिए किया था। इस बदलाव के कारण दिल्ली सरकार को जहां करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ वहीं शराब माफिया को करोड़ो का लाभ हुआ जिसमें से बड़ा हिस्सा केजरीवाल और सिसोदिया को भी मिला। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि नीति में बदलाव से सरकार को 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ वहीं शराब माफिया से मिले हुए धन को पंजाब चुनाव में खर्च किया गया।
उन्होंने केजरीवाल पर भाजपा के सवालों से बचने का आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनैतिक फायदें के लिए विधानसभा सत्र बुलाया जिसमें उन्होंने दिल्ली की समस्याओं पर चर्चा करने की बजाय सिर्फ अपनी सरकार की तारीफ में झूठे कसीदे पढ़े। केजरीवाल सरकार से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि 2019-20 में जब पुरानी शराब नीति थी तो 132 लाख लीटर शराब प्रति माह की बिक्री हुई और सरकार का राजस्व 5068 करोड़ रुपये आया, लेकिन नई शराब नीति लागू होते ही शराब की बिक्री में दोगुना इजाफा हुआ यानि 245 लाख लीटर प्रतिमाह शराब की बिक्री हुई, लेकिन राजस्व घटकर 4465 करोड़ रुपये हो गया,जबकि सरकार के खजाने में उससे 8060 करोड़ आना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि राजस्व और बिक्री दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। इसलिए बिक्री का बढ़ना और राजस्व का कम होना केजरीवाल के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा प्रमाण है। उन्होंने कहा कि पुरानी नीति में जिस शराब की बोतल पर सरकार की कमाई 329.89 रुपये होती थी वह नई आबकारी नीति लागू होते ही 8.32 रुपये हो गई। इतना ही नहीं पुरानी शराब की नीति में ठेकेदारों को एक शराब की बोतल पर 33.35 रुपये फायदा होता था वह नई आबकारी नीति में 363.27 रुपये हो गया। जबकि जनता को 30 रुपये अधिक नई आबकारी नीति में प्रति बोतल भूगतान करना पड़ा। ये सब दिल्ली के राजस्व को लूटने के लिए केजरीवाल सरकार का शराब माफियाओं पर मेहरबानी का नतीजा है। प्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा मीडिया रिलेशन विभाग के प्रभारी हरीश खुराना और प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख हरिहर रघुवंशी भी मौजूद थे।