आम आदमी पार्टी अब तक की सबसे बड़ी यू-टर्न लेने वाली पार्टी-संबित पात्रा

नई दिल्ली(चलते फिरते ब्यूरो) ।  भारतीय जनता के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में अनियमितताओं और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी अब तक के मानव इतिहास में सबसे बड़ी यू-टर्न लेने वाली पार्टी है।

उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की छापेमारी के बाद गुजरात में आम आदमी पार्टी के वोट शेयर में वृद्धि के बयान को ड्रामा करार देते हुए कहा कि जब भी आम आदमी पार्टी का कोई भ्रष्ट नेता पकड़ा जाता है तब इनका नाटक फिर से शुरु हो जाता है. वो कह रहे थे कि सत्येंद्र जैन तो राजा हरिशचंद्र हैं, इनसे ज्यादा कट्टर ईमानदार तो कोई मंत्री है ही नहीं। हर नेता की गिरफ्तारी के पहले इसी प्रकार का ड्रामा केजरीवाल जी का चलता है। सत्येंद्र जैन जब गिरफ्तार होने वाले थे, जब भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबे हुए थे, जब उनकी जांच चल रही थी तब ठीक इसी प्रकार का भाषण केजरीवाल जी दे रहे थे।

डॉ पात्रा ने केजरीवाल जी की इस टिप्पणी पर, कि आम आदमी पार्टी भारतीय इतिहास की सबसे अधिक पीड़ित राजनीतिक दल है, प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केजरीवाल जी इस मामले में बिल्कुल गलत हैं जबकि वास्तविकता यह है कि 3,000 से 4,000 के मानव इतिहास की सबसे यू-टर्न या पल्टू पार्टी कोई है तो वह आम आदमी पार्टी है. कट्टर ईमानदार पार्टी बनेंगे, ये कहने वाले चंद हफ्तों के अंदर किस प्रकार से कट्टर भ्रष्टाचारी बन गए इसका जीता जागता उदाहरण पूरे विश्व में अगर कोई है, तो वो केजरीवाल जी की आम आदमी पार्टी है। जिनकी उंगली पकड़कर केजरीवाल जी बड़े हुए थे, वो अन्ना हजारे जी ने केजरीवाल जी की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दिल्ली सरकार के दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया कि पुरानी शराब नीति के तहत रिटेलर्स को 750 एमएल शराब की बोतल पर 33 रुपए प्रति बोतल मिल रहे थे और 330 रुपये सरकारी खजाने में जा रहे थे.लेकिन, नई आबकारी नीति के तहत, रिटेलर्स को 363 रुपए मिलने लग गए और सरकारी खजाने को केवल सिर्फ 8 रुपए ही मिलने लगे।
डॉ पात्रा ने आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘आप’ सरकार ने शराब कारोबारियों के 144 करोड़ रुपए माफ़ कर दिए, जबकी कोविड महामारी के दौरान जब मजदूर दिल्ली से पलायन कर रहे थे, तो दिल्ली सरकार के पास पलायन करने वाले मजदूरों के लिए टिकटों का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन शराब कारोबारियों के करोड़ों रुपए माफ़ कर दिए।उन्होंने आबकारी नीति में हुए घोटाले को लेकर  5 सवाल कर उसका जवाब मांगा।