युवाओं में बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा

बाल मुकुन्द ओझा

मशहूर सिंगर कृष्णकुमार कुन्नथ (केके) की मृत्यु के साथ हृदयाघात (हार्ट अटैक) की बीमारी को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। इससे पूर्व टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की 41 साल की आयु में हार्ट अटैक से हुई मौत के बाद इस चर्चा ने जोर पकड़ा था कि युवाओं में दिल से जुड़े रोग किस तरह बढ़ रहे हैं। वर्तमान में भारी भागदौड़ और तनाव भरी अव्यवस्थित, लापरवाह जीवनशैली में हर आयु वर्ग के आदमी को स्वयं को स्वस्थ रखना बड़ी चुनौती का काम है। एक दूसरे से आगे निकलने की प्रतिस्पर्धा में हमने अपना रहन सहन यथा असंतुलित खानपान, सोने-जागने और उठने-बैठने का दैनंदिन क्रम बिगाड़ लिया है, जिसका भारी खामियाजा चुकाना पड़ रहा है

हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार दिल की बीमारी बच्चे से बुजुर्ग तक किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है। यह प्रमाणित हो चुका है कि तनाव दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है। वर्तमान जीवनशैली में लोगों में तनाव कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। इसलिए इस बीमारी से पूरी तरह बचना तो संभव नहीं है लेकिन इससे बचाव ही इसका उपचार है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम अपने दिल की धड़कन को सुनें और इसे सही रखने के लिए तनाव को दूर भगाएं। लाइफ स्टाइल बीमारियों में डायबिटीज, बीपी और हृदयरोग का आधिक्य है।
एक सर्वे में बताया गया है कि विश्व में हर दिन सैकड़ों लोग हृदय संबंधी बीमारियों के चलते अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। तनाव, थकान, प्रदूषण आदि कई ज्ञात अज्ञात कारणों से रक्त का आदान-प्रदान करने वाले इस अति महत्वपूर्ण अंग दिल को अपना काम करने में मुश्किल होती है, इसीलिए विश्व हृदय दिवस जन साधारण में यह भावना जागृत करता है कि वे हृदय की बीमारियों के प्रति सचेत रहें। हमारी 66 साल की जिंदगी में हमारा दिल करीब 2.5 बिलियन बार धड़कता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने दिल का अच्छे से ख्याल रखें। ज्यादा से ज्यादा हंसे और सदा मुस्कुराते रहें। शोध से पता चला है कि अगर आप रोज 15 मिनट भी हसेंगे तो इससे शरीर में खून का प्रवाह 22 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
लखनऊ के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की ओर से जारी मार्गदर्शिका के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा हृदय रोगी भारत में हैं। देश में सर्वाधिक मौतें भी इस रोग के कारण होती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर 1 लाख जनसंख्या पर 235 लोगों को हृदय रोग होते हैं लेकिन भारत में 272 को यह बीमारी होती है जिसके लिए हर इंसान को काफी सजग रहने की आवश्यकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि अगर इंसान थोड़ी सी अपनी लाइफस्टाइल को चेंज कर ले और नौ तरह से उसका ख्याल रखें तो उसका दिल एकदम फिट रहेगा और उसे किसी दवा की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। दिल तो बहुत कोमल होता है, इसलिए इसे केयर की जरूरत होती है, उसके पास दिमाग तो होता नहीं इसलिए उसका ख्याल आपको ही रखना होगा। अगर आप की उम्र 30 के पार है तो आप अपनी लाइफ में कसरत को जगह दीजिये। कोई जरूरी नहीं कि आप जिम जाएं या फिर दौड़-भाग करें, बस आपको 30 मिनट वॉक की जरूरत है। हेल्दी फूड को अपने मैन्यू चार्ट में शामिल करें । जंक फूड और एल्कोहल का सेवन कम से कम या ना के बराबर करें। हो सके तो घर का खाना खाएं। हफ्ते में एक दिन आप बाहर खाना खा सकते हैं। अपने खाने में मीठी चीजों का इस्तेमाल कम करें, हो सके तो नमक भी कम और हल्का खाएं। रात के भोजन में स्वीट डिश को बॉय-बॉय कर दें तो बेहतर होगा। रात का डिनर हल्का होना चाहिए जबकि ब्रेकफास्ट हैवी हो सकता है। अपने फूड में आप ताजे फलों और सब्जियों को जगह दीजिये। ऑयली फूड से दूर रहिए और अगर आपको मीठी चीज खाने का मन करें तो आप मीठे फल खाइये और टीवी देखते वक्त डिनर ना करें। घर पर धूम्रपान ना करें और ना ही शराब का सेवन करें। ये दोनों ही चीजें हार्ट के लिए घातक हैं। स्मोकिंग जहां सीधे आपके दिल को खराब करती है वहीं एल्कोहल से वजन बढ़ता है जो कि आपके लीवर के लिए सही नहीं है। अगर आप सीटिंग जॉब वाले इंसान हैं तो ऑफिस में चाय-कॉफी कम ही पीजिये, अगर मन करे तो आप ग्रीन टी और जूस का सेवन करें जो आपको फ्रेश भी करेगा और हेल्दी भी रखेगा। तनावमुक्त जीवन जिएं। तनाव अधिक होने पर योगा करें। टाइम से सोएं और टाइम से जगे और प्रतिदिन तीस मिनट वॉक करें। तीस के पार वाले हर एक इंसान को साल में अपना मेडिकल चेकअप एक बार जरूर कराना चाहिए। इस चेकअप में रक्तचाप, कॉलेस्ट्राल, ग्लोकोज स्तर, वजन और बॉडी मास इंडेक्स का टेस्ट होना चाहिए।

(लेखक वरिष्ठ स्तम्भकार हैं)