सीके बिरला हॉस्पिटल® में क्रोनिक पैंक्रिएटाइटिस से पीड़ित सात साल के बच्चे की दुर्लभ लैप्रोस्कोपिक सर्जरी हुई
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@ chaltefirte.com नई दिल्ली।
चिकित्सकीय उत्कृष्टता के वैश्विक मानकों की आपूर्ति को सुदृढ़ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए सीके बिरला हॉस्पिटल® ने हाल ही में एक दुर्लभ लैप्रोस्कोपिक सर्जरी सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।
यह सर्जरी सात साल के एक बच्चे में क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिये हुई हैए जिसके कारण उसे पेट में बहुत दर्द रहता था। इस बच्चे का वजन काफी कम था और दूसरे अस्पतालों ने उसकी सर्जरी करने से मना कर दिया थाए क्योंकि वह केवल 17 किलो का था। सीके बिरला हॉस्पिटल® में ऐडवांस्ड सर्जिकल साइंसेस ऐंड ऑन्कोलॉजी सर्जरीस डिपार्टमेंट के डॉण् अमित जावेद ने जाँच के बाद इस बच्चे का इलाज न्यूनतम चीर.फाड़ वाली विधि से कियाए जिससे उसे कम दर्द हुआ और वह जल्दी ठीक भी हो गया।
इस मौके पर डॉ अमित जावेद ने कहा, यह मामला बहुत उलझा हुआ था, क्योंकि हम न केवल एक बहुत छोटे से मरीज का इलाज कर रहे थे बल्कि वह अपनी उम्र के हिसाब से काफी कम वजन वाला भी था। पूरी जाँच के बाद बच्चे की न्यूनतम चीर.फाड़ वाली लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई जिसमें उसे कम दर्द हुआ और वह जल्दी ठीक हो गया। पैंक्रियाज में कई स्टोन्स और बाइल डक्ट ऑब्स्ट्रक्शन से पीड़ित होने के बावजूद वह बच्चा अब एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी रहा है। इसके अलावा उस पर सर्जरी के कोई निशान भी नहीं रहेंगे।
बच्चे के पैंक्रियाज में कई स्टोन्स होने के कारण उसे पेट में तेज दर्द की शिकायत थी। वह पिछले तीन साल से दर्द सह रहा था और उसे केवल दर्द पर नियंत्रण का इलाज दिया जा रहा था। बाइल डक्ट सिकुड़ने से बाइल का प्रवाह बाधित हो गया था जिससे उसे पीलिया हो गया था। उसकी स्थिति गंभीर थी और उसे तुरंत इलाज चाहिये था।
बच्चों में क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस का सर्जरी से इलाज करना चुनौतीपूर्ण होता है और खासकर इसके लिये लैप्रोस्कोपिक सर्जरी तो दुनियाभर में बहुत कम हुई है। वह भारत में क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस और बाइल डक्ट ऑब्स्ट्रक्शन के संभवतरू सबसे छोटे मरीजों में से एक थाए जिसकी न्यूनतम चीर.फाड़ वाली लैप्रोस्कोपिक सर्जरी सफलतापूर्वक हुई।
इस अवसर पर सीके बिड़ला हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारीए अक्षत सेठ ने कहा कि हम वैश्विक मानदंडों की स्वास्थ्य देख.भाल सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस उद्देश्य से हम अपने मरीजों के लिए न्यूनतम चीरा वाली लेप्रोस्कोपिक सर्जरी जैसी उन्नत चिकित्सीय नवाचारों और तकनीकों का प्रयोग करते हैं।
