मुरझाए फूल खिल उठे…..
संस्मरण

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जीवन की डगर पर चलते चलते रास्ते अपने आप आसान हो जाते हैं। मां के पेट से कोई सीख कर नहीं आता। धेर्य, इच्छा शक्ति, लग्न,परिश्रम से कर्म कर अपना भाग्य स्वयं लिखना होता हैं। लोगों की निन्दा, जलन,उल्हानें,कुड़न,का सामना भी करना होता है।