शादी की उम्र में समानता – सरकार का बड़ा कदम

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भारत सरकार धीरे धीरे सामाजिक सुधारों की ओर बढ़ रही है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में देश विकास पथ पर बढ़ता जा रहा है। महिलाओं के लिए बेहतर सुधारों के रास्ते खुलते जा रहे है। महिला और पुरुष एक ही गाड़ी के दो पहिये है, इस सोच को आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने लड़के और लड़की की शादी की उम्र एक समान करने का फैसला किया है जिसका व्यापक स्वागत किया जा रहा है। इस दिशा में बालिकाओं की शादी की आयु बढ़ाना एक बड़ा कदम है। सरकार ने महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का फैसला किया है, जिससे इसे पुरुषों के बराबर लाया जा सके। मोदी मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुरुषों और महिलाओं की विवाह योग्य उम्र में एकरूपता लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह निर्णय जया जेटली के नेतृत्व में चार सदस्यीय टास्क फोर्स की सिफारिश पर किया गया है। लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने को लेकर विचार के लिए सरकार ने जून 2020 में जया जेटली की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया था। टास्क फोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में अपनी रिपोर्ट नीति आयोग को सौंप दी थी। रिपोर्ट में टास्क फोर्स ने लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाकर 21 साल करने की सिफारिश की थी। टास्क फोर्स में 10 सदस्य थे। इन्होंने कानूनी विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों के नेताओं और महिला प्रतिनिधियों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार की थी।
टास्क फोर्स ने सुझाव दिया है कि समाज के इस फैसले को स्वीकार करने के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए। यह भी कहा गया है कि स्कूल और विश्वविद्यालय तक लड़कियों की पहुंच होनी चाहिए। दूरदराज के इलाकों में शिक्षण संस्थान होने पर परिवहन की भी व्यवस्था की जाए। सिफारिश की गई है कि सेक्स एजुकेशन भी होना चाहिए और उसे स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है।अब इसे कानूनी शक्ल देने के लिए मौजूदा कानून में संशोधन किया जाएगा।इसके लिए केंद्र सरकार संसद में प्रस्ताव पेश करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर यह कानून लागू हुआ तो सभी धर्मों और वर्गों में लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र बदल जाएगी।
फिलहाल देश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है, जबकि लड़कों की 21 साल है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले साल 15 अगस्त के अवसर पर अपने विचार रखे थे। मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि उनकी शादी उचित समय पर हो।गौरतलब है वर्तमान में भारत सहित अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, इटली, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, स्वीडन, नीदरलैंड, ब्राजील, रूस, साउथ अफ्रीका, सिंगापुर, श्रीलंका और यूएई समेत दुनिया के कुल 143 देशों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है। जबकि अफगानिस्तान, बहरीन, पाकिस्तान, कतर और यूके समेत दुनिया के सात देशों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 16 साल है। वहीं नॉर्थ कोरिया, सीरिया और उज्बेकिस्तान में शादी की न्यूनतम उम्र 17 साल है। इंडोनेशिया,मलेशिया, नाइजीरिया और फिलिपींस समेत दुनिया के कुल 20 देशों में लड़कियों को शादी के लिए कम से कम 21 साल का होना अनिवार्य है।
बताया जाता है भारत सरकार द्वारा सरकार लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने के पीछे मंशा ये है कि ताकि मातृत्व मृत्यु दर में कमी आ सके। मोदी सरकार मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने के लिए ऐसा करना चाहती हैं। यूनिसेफ के अनुसार भारत में हर साल 15 लाख लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो होती है। जनगणना महापंजीयक के मुताबिक देश में 18 से 21 साल के बीच विवाह करने वाली युवतियों की संख्या करीब 16 करोड़ है। रिपोर्ट के अनुसार भारत मे 27 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल तक कि आयु में और 7 फीसदी की 15 साल तक कि उम्र में हो रही है। जिसका सीधा असर कम उम्र में मां बनने और मां की प्रसव के दौरान मौत पर पड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मातृत्व मृत्यु दर गर्भावस्था या उसके प्रबंधन से संबंधित कारणों के कारण हर वर्ष लगभग एक लाख महिलाओं की मातृत्व के कारण (आकस्मिक या अप्रत्याशित कारणों को छोड़कर) मौत हो जाती हैं। माना जा रहा है कि सरकार की इस कवायद के पीछ सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला भी हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वैवाहिक बलात्कार से बेटियों को बचाने के लिए बाल विवाह पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने विवाह के लिए न्यूनतम उम्र के बारे में फैसला लेने का काम सरकार पर छोड़ दिया था। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शादी के लिए लड़की और लड़के की न्यूनतम उम्र को एक समान होना चाहिए। अगर मां बनने की कानूनी उम्र 21 साल तय कर दी जाती है तो महिला की बच्चे पैदा करने की क्षमता वाले सालों की संख्या अपने आप घट जाएगी।
(लेखक वरिष्ठ स्तम्भकार एवं पत्रकार हैं)